हरिद्वार पुलिस ने महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरी को हिरासत में लेकर किया नजरबंद

हरिद्वार पुलिस ने महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरी को हिरासत में लेकर किया नजरबंद

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद सुसाइड नोट में नाम आने पर हरिद्वार पुलिस ने उनके शिष्य आनंद गिरि को हिरासत में ले लिया। उन्हें श्यामपुर कांगड़ी स्थित उनके आश्रम में नजरबंद किया गया है। एसएसपी समेत आला अधिकारी आश्रम में मौजूद थे। देर रात प्रयागराज पुलिस पूछताछ के लिए उन्हें अपने साथ ले जाएगी।

श्रीमहंत नरेंद्र गिरि का शव सोमवार को प्रयागराज स्थित बाघंबरी पीठ में कमरे से बरामद हुआ। पुलिस को शव के पास सुसाइड नोट मिला, जिसमें उनके शिष्ट संत आनंद गिरि का जिक्र है। इसके बाद प्रयागराज पुलिस ने आनंद गिरि को हिरासत में लेने के लिए हरिद्वार पुलिस से संपर्क किया। वह ब्रह्मलीन नरेंद्र गिरि के सबसे करीबी शिष्य रहे। बाघंबरी पीठ की गद्दी और संन्यास परंपरा के उल्लंघन को लेकर इसी साल मई में गुरु-शिष्य के बीच दूरियां बढ़ गई थीं।

हालांकि, बाद में नरेंद्र गिरि आनंद को माफ कर दिया था। प्रयागराज पुलिस की सूचना पर हरिद्वार के एसएसपी डॉ. योगेंद्र रावत के नेतृत्व में पुलिस आनंद गिरि के आश्रम पहुंची और उनको हिरासत में लेकर वहीं नजरबंद कर दिया। पुलिस देर रात तक प्रयागराज पुलिस के आश्रम पहुंचने का इंतजार करती रही। आनंद गिरि को प्रयागराज पुलिस के सुपुर्द किया जाएगा। देर रात तक पुलिस आश्रम में ही रही।


गुरु जी से विवाद खत्म हो गया था। सारे मतभेद दूर हो गए थे। उसमें सपा के नेता, भाजपा के नेता, पुलिस के बड़े अधिकारी मौजूद थे। षड्यंत्र और साजिश है। उनको मारके मुझे फंसाने का प्रयास किया जा रहा है। मामले की निष्पक्ष जांच हो, दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। गुरु जी आत्महत्या नहीं कर सकते हैं। वे साहसी थे। महीनों से मैं उनसे नहीं मिला। सुसाइट नोट में मेरा नाम आना षड्यंत्र का विषय है। मैंने अपने जीवन का सारा समय मठ और मंदिर की प्रतिष्ठा बनाने में बिताया। कभी एक रुपये का लाभ नहीं लिया। केवल मठ को बचाने का प्रयास किया। वह प्रयास आज इस रूप में आ गया, इसका खेद है।

श्रीमहंत नरेंद्र गिरि हर महीने हरिद्वार स्थित अपने निरंजनी अखाड़ा आते थे। यहां का समस्त संत समाज उनके जाने से बेहद दु:खी है। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज ने श्रीमहंत नरेंद्र गिरि के निधन पर गहरा दु:ख जताया। उनकी मृत्यु के कारणों की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि नरेंद्र गिरि जैसा संत आत्महत्या नहीं कर सकता। 

निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी भी प्रयागराज के लिए रवाना हो गए। श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि श्रीमहंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु के कारणों की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि श्रीमहंत नरेंद्र गिरि आत्महत्या करेंगे। उनके साथ क्या घटना घटी, इसकी जांच होनी चाहिए। आचार्य ने नरेंद्र गिरि के साथ अपने संबंधों को याद किया।

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष बागांबरी पीठ प्रयागराज के परमाध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि महाराज के निधन पर स्वामी यतींद्रानंद गिरि महाराज ने शोक जताया है। जीवन दीप आश्रम परमाध्यक्ष और श्री पंचदशनाम जून अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि महाराज ने कहा कि जिन संदिग्ध परिस्थितियों में उनका निधन हुआ है, कोई गहरा षड्यंत्र लगता है। उनसे बहुत पुराना लगाव था और वह संत समाज के प्रखर और दृढ़निश्चयी संन्यासी थे। वह आत्महत्या नहीं कर सकते हैं। उन्होंने मांग की कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार उच्च स्तरीय जांच तत्काल बैठाए। कहा कि उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु ने संत समाज को एक गहरे विषाद में डाल दिया है।  TNI