दो स्मॉग टावर में करोड़ों खर्च करके आईआईटी और एक अमेरिकी विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों से परामर्श करने के बावजूद, अरविंद सरकार को अभी भी दिल्ली के वायु प्रदूषण का मुख्य कारण नहीं पता है।- चौ0 अनिल कुमार

दो स्मॉग टावर में करोड़ों खर्च करके आईआईटी और एक अमेरिकी विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों से परामर्श करने के बावजूद, अरविंद सरकार को अभी भी दिल्ली के वायु प्रदूषण का मुख्य कारण नहीं पता है।- चौ0 अनिल कुमार

 दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि यह चौकाने वाला है कि कनॉट प्लेस और आनन्द विहार में स्मॉग टावर लगाने में करोड़ों रुपये खर्च करने के लिए दिल्ली मुंबई और कानपुर के आईआईटी और एक अमेरिकी विश्वविद्यालय के साथ विचार विमर्श करने के बावजूद दिल्ली सरकार दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के वास्तविक कारणों से अभी भी अंधेरे में है कि दिल्ली में खतरनाक वायु प्रदूषण से कैसे निपटा जाए।


दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का वक्तव्य कि दिल्ली सरकार अभी भी ’विशेषज्ञों’ से परामर्श करके दिल्ली के प्रदूषण के मूल कारण का पता लगाने के लिए नया ऐप विकसित कर रही है, पर कटाक्ष करते हुए चौ0 अनिल कुमार ने  रहस्य का खुलासा करते हुए कहा कि दिल्ली के प्रदूषण के मुख्य कारण वाहनों का प्रदूषण,, टूटी सड़कों और सड़कों, निर्माण स्थलों से उठने वाली धूल हैं, जबकि केजरीवाल सरकार पड़ोसी राज्यों में ’पराली’ जलाने को दिल्ली में प्रदूषण को ही कारण बताते है। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि अगर पराली जलाने से दिल्ली में वायु प्रदूषण होता है, तो पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ सहित अन्य शहर दिल्ली में प्रचलित वायु प्रदूषण की रिपोर्ट क्यों नहीं करते हैं।

 

चौ. अनिल कुमार ने कहा कि कोविड -19 महामारी लॉकडाउन के दौरान सड़कों पर वाहनों की कमी दिल्ली की हवा स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त थी, जो वर्तमान में उत्पन्न प्रदूषण के तथ्य को सार्थक करता है कि वाहन और धूल प्रदूषण राजधानी के प्रदूषण के प्रमुख कारण है।  उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह राजधानी में जब भारी बारिश हुई तो दिल्ली का प्रदूषण स्तर काफी नीचे आ गया, लेकिन जब बारिश रुकी तो दिल्ली की हवा एक बार फिर वाहनों और धूल प्रदूषण से हवा जहरीली हो गई है और आज का अधिकतम प्रदूषण 2.5पीएम 273 रहा, जो चिंताजनक है। चौ. अनिल कुमार ने याद दिलाया कि कुछ दिन पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद ने भव्य घोषणा की थी कि 20 अक्टूबर तक सभी टूटी सड़कों को गड्ढों से ठीक करने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन इस सप्ताह की शुरुआत में 1-2 दिन की भारी बारिश ने इसकी उनकी घोषणा के सत्य को उजागर कर दिया है।


चौ. अनिल कुमार ने कहा कि अरविंद सरकार वायु प्रदूषण पर बेबुनियाद घोषणाऐं करके लोगों को हमेशा बेवकूफ नहीं बना सकती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली को प्रदूषण के खतरे से तभी राहत मिल सकती है, जब दिल्ली की सड़कों पर निजी वाहनों की संख्या कमी करके सार्वजनिक परिवहन में सुधार और डीटीसी बेड़े में बसों को जोड़कर कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण बढ़ोत्तरी का मुख्य कारण दिल्ली सरकार का डीटीसी बसों को नही बढ़ाना रहा है। उन्होंने कहा कि गोपाल राय जैसे मंत्री में मुख्यमंत्री अरविंद का खंडन करने और सच बोलने की हिम्मत नहीं है और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राजधानी के वायु प्रदूषण रोकने के नाम पर भ्रम फैला रहे है।


चौ. अनिल कुमार ने कहा कि यदि वाहनों का प्रदूषण दिल्ली के प्रदूषण का प्रमुख कारण नहीं था, तो आम आदमी पार्टी सरकार दिल्ली भर में 100 ट्रैफिक सिग्नल पर लगभग 2500 मार्शलों को तैनात करके उनको करोड़ों का भुगतान करके “रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ“ अभियान चलाने का क्यो चला रही है? उन्होंने कहा कि विडंबना यह है कि ट्रैफिक सिग्नल पर मार्शल तैनात करने के बावजूद, कोई भी वाहन मालिक “गाड़ी ऑफ“ अनुरोध का पालन नहीं कर रहा है, और मार्शल एक ही स्थान पर एक साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि टूटी सड़कें और गलियां, और सेंट्रल विस्टा परियोजना सहित दिल्ली में व्यस्त निर्माण गतिविधि से उत्पन्न धूल प्रदूषण का भारी योगदान है, लेकिन अरविंद सरकार प्रदूषण कारण की वास्तविकताओं को स्वीकार करने को राजी नही है।  DDS