सरकार हमारी पांच सूत्रीय मांगो को मान गीता के जरिये करे समाज निर्माण और राष्ट्र निर्माण - विश्व गीता संस्थान

सरकार हमारी पांच सूत्रीय मांगो को मान गीता के जरिये करे समाज निर्माण और राष्ट्र निर्माण - विश्व गीता संस्थान

विश्व हिंदू परिषद ने श्रीमद्भागवत गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने की मांग की है। विहिप ने इसे लेकर देश भर में जागरण अभियान चलाने का भी ऐलान किया है।

आईएएनएस से बातचीत करते हुए विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री आचार्य राधाकृष्ण मनोड़ी ने कहा कि गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने की मांग को लेकर विहिप राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को ज्ञापन भी सौंपेगा।

नॉर्थ  एवेन्यू में विश्व गीता संस्थान ने एक प्रेस वार्ता कर विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय मंत्री एवं विश्व गीता संस्थान के संस्थापक एवं सरंक्षक श्री राधा कृष्ण मनोड़ी जी ने श्रीमद भगवत गीता को राष्ट्रीय ग्रन्थ की संज्ञा देने और समाज के उत्थान में गीता की उपयोगिता को एक सशक्त संसाधन के रूप में प्रयोग करने को लेकर प्रधानमंत्री को ज्ञापन के लिए अपनी बात मीडिया के सामने रखी। 

विश्व गीता संस्थान भारत सरकार से  हमारे समाज को वैचारिक प्रबलता देने के लिए पंचतत्वों की भांति इन निम्न बिन्दुओ पर ध्यान देने की अपेक्षा करता हैं। और माननीय प्रधानमंत्री और महामहिम  राष्ट्रपति महोदय से इस पर व्यापक चर्चा के लिए समय देने का आग्रह करता हैं। हमारी सरकार से मांग हैं कि  निम्नलिखित पांच सूत्रीय मांग पर आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर इसको अमल में लाने का प्रबंध करने की कृपा करें :

हमारी पांच सूत्रीय मांग निम्न हैं :

१. अच्छे वेतनमान और सुख सुविधाओं के बावजूद भी शिक्षकों का अपने कर्तव्य बोध का निर्वाह न होना चिंतनीय हैं। लगातार शिक्षा में नैतिक मूल्यों के पतन वैश्विक पटल पर हमारी सुसंगठित बौद्धिक प्रतिभा का अपमान हैं। अतः शिक्षको में  शिक्षार्थियों के प्रति भावना के सुधार और कर्तव्य निर्वाह के बोध के लिए पठन पाठन में गीता को अनिवार्य बनाया जाय। 

२. प्रत्येक शिक्षक को प्रशिक्षण के दौरान गीता के सभी अध्यायों का अध्ययन अध्यापन करना अनिवार्य बनाया जाय। 
३. भारत में हिन्दू सनातन धर्म से जुड़े या उससे उपजे सभी मान्यताओं वाले धर्मो के बीच विश्व गीता संस्थान एक समन्वयक का काम करते हुए उनको एकसूत्रीय एकमतीय धर्म बोध की भावना व  उनके हितो की रक्षा बोध की संतुष्टि के साथ  हिन्दू धर्म की पराकाष्ठा के निर्माण में  सलंग्न करना। 
४. हर चौखट गीता की अलख जगाने के लिए विश्व गीता संस्थान घर घर गीता पहुंचाने के लक्ष्य के साथ कार्य करने के साथ साथ हमारे समाज में आत्मसात होती पाश्चात्य संस्कृति की कुरीतियों पर प्रहार करने के लिए गीता का देश के अंदर व्यापक प्रचार प्रसार 
५.  सरकारी संस्थानो या नौकरशाहों में मूल्य वर्धन और कर्तव्य  निर्वाह की भावना को  संवर्धित करने के लिए गीता के सभी अध्यायों का एक तय अवधि में गीता पखवाड़ा आयोजित करवाना। 

हमें पूर्ण विश्वास हैं विश्व गुरु भारत के ओज और तेज को पुनर्स्थापित करने के लिए सरकार हमारी इन पंचतत्वों की मांग को उचित सम्मान देते हुए उपयुक्त कदम उठाएगी। 

इस प्रेस वार्ता में श्री निलेश शर्मा संस्थान के अध्यक्ष, अंतर्राष्ट्रीय कवित्री श्रीमती तुषा शर्मा, संस्थान की महासचिव, श्री नवीन शर्मा गौड़, केंद्रीय संयोजक और सौरभ त्रिपाठी राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राष्ट्रीय सचिव मौजूद रहे।