कांग्रेस पार्टी ने दलितों को मुख्य धारा में जोड़ने के साथ समान अधिकार दिलवाने की लड़ाई लड़ी। - चौ0 अनिल कुमार

कांग्रेस पार्टी ने दलितों को मुख्य धारा में जोड़ने के साथ समान अधिकार दिलवाने की लड़ाई लड़ी। - चौ0 अनिल कुमार

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि भाजपा शासित केन्द्र सरकार और आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार की दलितों के प्रति संवेदनहीनता के कारण आज दलितों का शोषण हो रहा है उनके उत्थान के लिए कोई ठोस निति इन सरकारों द्वारा नहीं बनाई गई है जिससे यह पता चलता है कि दलितों के प्रति इनकी नीयत साफ नहीं है। यही कारण है कि आज दलित, पिछड़ा, युवा, महिला, किसान, मजदूर, व्यापारी, कर्मचारी, अन्य वर्गों का शोषण हो रहा है। उन्होने कहा कि भाजपा और उसके सहयोगी दलों के दलित नेता सत्ता-सुख भोगने के लालच में दलितों का शोषण होते हुए चुपचाप देख रहे है जो मौका परस्त है। दलितां को बराबरी के अधिकारों की  लड़ाई कांग्रेस पार्टी लड़ती रही है। उन्होने कहा कि आज ब्लात्कार की घटनाऐं दिनों दिन बढ रही है, कर्मचारियों को कई महीनों तक वेतन, महंगाई भत्ता, पेंशन, बकाया राशि का भुगतान समय पर नहीं हो पा रहा है जिसके कारण ये आर्थिक संकट झेल है।


देश और दिल्ली में दलितों पर हो रहे लगातार अत्याचारां के खिलाफ अम्बेडकर भवन में आज दलित महापंचायत का आयोजन किया जिसमें दलित बुद्धिजीवियों ने दलितों पर हो अत्याचार और दलितों के कल्याण और जीवन शैली में विकास पर जोर देने के लिए अपनी-अपनी विचारधारा रखी। महापंचायत में मंच का संचालन प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक श्री जय किशन ने किया। महापंचायत में प्रस्ताव पास किया गया कि 23 अक्टूबर, 2021 को दलितों और किसानों के अधिकारां के लिए दलित चुनौती रैली का आयोजन किया जाऐगा जिमें कांग्रेस के सहयोगी दलां की भागीदारी होगी।


महापंचायत को सम्बोधित करते हुए दिल्ली कांग्रेस प्रभारी एवं राज्यसभा सांसद शक्तिसिन्ह गोहिल ने कहा कि कांग्रेस की विचार जियो और जीने दो की रही है। वर्तमान केन्द्र के मनुवादी सोच की प्रवृति तथा तानाशाही शासन में दलितों हो रहे अत्याचारों के खिलाफ न्याय दिलाने के लिए अगर कोई आवाज उठा सकता है तो वह हमारे नेता राहुल गांधी है, जिसका ताजा उदाहरण दिल्ली छावनी में दलित बेटी के साथ बलात्कार के बाद हत्या होने के बाद राहुल जी पीड़ित परिवार से मिलने गए जिसके बाद पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ कार्रवाही शुरु की। उन्होंने शिक्षित दलित युवाओं से अपील की वे डा0 अम्बेडकर की विचारधारा से प्रेरित होकर दलितों पर जमीनी स्तर पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाऐं ताकि क्षेत्र में सिरे शुरु होने पर ही अत्याचारियों को दबाया जा सके। उन्होंने कहा कि पिछले 70 वर्षों में दलित उत्थान के लिए जितनी कल्याणकारी योजनाए बनाई गई है वह कांग्रेस की सरकार द्वारा संभव हो पाया है।


प्रमुख दलित नेता दिल्ली प्रदेश कांग्रेस उपाध्य्क्ष, पूर्व विधायक जयकिशन ने केन्द्र की मोदी सरकार एंव दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकारों को आडे हाथों लेते हुए कहा कि आजादी से पहले जब दलितों को कोई अधिकार नही थे। देश को आजाद कराने वाली कांग्रेस और बाबा साहेब अम्बेडकर ने दलितों को बराबरी का अधिकार दिलाया और उन्हें लोकतंत्र की ताकत देकर सर्वोच्च पदों पर आसीन करने में प्रमुख भूमिका निभाई थी। उन्हांने कहा कि महिलाओं और युवाओं को देश और समाज का भविष्य बताते हुए कहा कि जो सरकार 65 करोड किसानों को कुचल सकती है, उस निरंकुश सरकार को हमें अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करके  जागना होगा। जयकिशन ने कहा कि भाजपा ने तो कांग्रेस और बाबा साहेब अम्बेडकर द्वारा बनाए गए संविधान को बदलने का षडयंत्र रचा था। दलितों को स्व रोजगार व शिक्षा लोन के नियम कडे़ कर दिए थे। 20 सूत्री कार्यक्रम को निर्जिव कर दिया था। उन्होने कहा कि मोदी और केजरीवाल को दलितों की समस्याओं, आरक्षण और उनके आर्थिक व सामाजिक हितों से कोई लेना देना नहीं है। मोदी और केजरीवाल के पास दलितों के कल्याण व विकास लिए कोई ठोस योजना नहीं है।


महापंचायत में प्रदेश अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के दिल्ली प्रभारी महासचिव शक्तिसिन्ह गोहिल, अखिल भारतीय महिला कांग्रेस अध्यक्ष नेटा डिसूजा, पूर्व केन्द्रीय मंत्री कृष्णा तीरथ, जय किशन, अ0भा0क0कमेटी सचिव देवेन्द्र यादव, पूर्व विधायक राजेश लिलौठिया, पूर्व सांसद रमेश कुमार, दिल्ली प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष अमृता धवन, प्रदेश उपाध्यक्ष शिवानी चौपड़ा और अली मेंहदी, पूर्व विधायक चरण सिंह कंडेरा, अनिल भारद्वाज, अमरीश गौतम, वीर सिंह धींगान, सुरेन्द्र कुमार, दर्शना रामकुमार, निगम पार्षद दर्शना जाटव, जिला अध्यक्ष राजेश चौहान, विजय कुमार मुख्य रुप से मौजूद थे।

 
महापंचायत में दलित वर्गों से जुड़ी सामाजिक संस्थाओं अम्बेडकर वीर सेना, वाल्मीकि वीर सेना, भूमिहिन संघर्ष समिति, बाल्मीकी यूथ फ्रन्ट, रैगर महासभा, कोली समाज, बौद्ध महासभा, धोबी महासभा, खटीक महासभा, बैरवा महा सभा (दिल्ली प्रदेश), गुरू रविदासी महासभा, दलित वीर सेना, सोनकर समाज, बंजारा महासभा, देवरिया महासभा, भ्रष्टाचार मुक्त समिति के हजारों प्रतिनिधियों, बुद्धिजिवियों, प्रमुख दलित नेताओं के पदाधिकारी भी मौजूद थे।